राजकोषीय नीति क्या है? | Fiscal Policy पूरी जानकारी हिंदी में

भारत और अन्य देशों की अर्थव्यवस्था को स्थिर और विकासशील बनाने में राजकोषीय नीति (Fiscal Policy) का बहुत बड़ा योगदान होता है। यह नीति सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली आर्थिक नीतियों का हिस्सा होती है, जिससे देश की आर्थिक गतिविधियों को नियंत्रित किया जाता है। इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि राजकोषीय नीति क्या है, इसके उद्देश्य, प्रकार और इसके महत्व के बारे में।

1. राजकोषीय नीति का अर्थ क्या है? (What is Fiscal Policy?)

राजकोषीय नीति से तात्पर्य है सरकार की वह नीति जिसमें वह अपने खर्च (Government Expenditure) और कराधान (Taxation) के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, बेरोजगारी को कम करना, और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना होता है।

सरकार अपने बजट के जरिये यह तय करती है कि कितना खर्च करना है और कितना टैक्स लेना है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था संतुलित रहे।


2. राजकोषीय नीति के उद्देश्य (Objectives of Fiscal Policy)

  • आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
  • मुद्रास्फीति (Inflation) को नियंत्रित करना
  • बेरोजगारी को कम करना
  • आय और संपत्ति का पुनर्वितरण (Redistribution of Income and Wealth)
  • आर्थिक स्थिरता बनाए रखना
  • संतुलित बजट सुनिश्चित करना

3. राजकोषीय नीति के मुख्य घटक (Main Components of Fiscal Policy)

  • सरकारी व्यय (Government Expenditure): जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, अवसंरचना पर खर्च।
  • कराधान (Taxation): जैसे आयकर, वस्तु एवं सेवा कर (GST), संपत्ति कर आदि।
  • सरकारी उधार (Public Borrowing): जब खर्च ज्यादा हो और राजस्व कम, तब सरकार ऋण लेती है।

4. राजकोषीय नीति के प्रकार (Types of Fiscal Policy)

4.1 विस्तारात्मक राजकोषीय नीति (Expansionary Fiscal Policy)

जब सरकार आर्थिक मंदी को दूर करने के लिए खर्च बढ़ाती है और करों को कम करती है ताकि मांग बढ़े और रोजगार सृजित हो।

4.2 संकुचनात्मक राजकोषीय नीति (Contractionary Fiscal Policy)

जब सरकार मुद्रास्फीति को रोकने के लिए खर्च कम करती है और कर बढ़ाती है ताकि अर्थव्यवस्था में अधिक गर्मी न आए।


5. राजकोषीय नीति कैसे काम करती है? (How Fiscal Policy Works)

सरकार अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति को देखकर तय करती है कि खर्च और कर में बदलाव करना है या नहीं। अगर अर्थव्यवस्था मंदी में है तो खर्च बढ़ाकर और कर घटाकर मांग को बढ़ाया जाता है। यदि अर्थव्यवस्था में अधिक मुद्रास्फीति है तो खर्च घटाकर और कर बढ़ाकर इसे नियंत्रित किया जाता है।


6. भारत में राजकोषीय नीति का महत्व (Importance of Fiscal Policy in India)

भारत जैसे विकासशील देश में राजकोषीय नीति से आर्थिक विकास, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक समानता को बढ़ावा मिलता है। बजट के माध्यम से सरकार योजनाओं और परियोजनाओं को फंड करती है जो ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आधारभूत सुविधाओं को बढ़ावा देती हैं।


7. निष्कर्ष (Conclusion)

राजकोषीय नीति सरकार की वह आर्थिक रणनीति है जो देश की आर्थिक प्रगति और स्थिरता के लिए जरूरी है। सही समय पर सही राजकोषीय निर्णय लेने से अर्थव्यवस्था में संतुलन बना रहता है और देश का विकास होता है।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. राजकोषीय नीति और मौद्रिक नीति में क्या अंतर है?
उत्तर: राजकोषीय नीति सरकार के खर्च और करों से जुड़ी है, जबकि मौद्रिक नीति केंद्रीय बैंक द्वारा पैसे की आपूर्ति और ब्याज दरों के नियंत्रण से संबंधित है।

Q2. क्या राजकोषीय नीति से बेरोजगारी कम हो सकती है?
उत्तर: हाँ, विस्तारात्मक राजकोषीय नीति के जरिये सरकार रोजगार सृजन कर बेरोजगारी को कम कर सकती है।